Friday 1 September 2017
Monday 24 April 2017
Md. Rafi ke 51 geeton ki sargam book
There are 8 books published by Kavita Prakashan upto May 2019 Lucknow in Hindi सा रे ग म
Mukesh ke 51 geeton ki Sargam Book in Hindi सा रे ग म
Lata ke 51 geeton ki Sargam Book in Hindi सा रे ग म
Kishore ke 51 geeton ki Sargam Book in Hindi सा रे ग म
Md. Rafi ke 51 geeton ki Sargam Book in Hindi सा रे ग म
Md. Rafi ke 51 geeton ki Sargam Book Part-2 in Hindi सा रे ग म
These books are also available in English SRGM
Md. Rafi ke 51 geeton ki Sargam Book in English SRGM
Mukesh ke 51 geeton ki Sargam Book in Hindi सा रे ग म
Lata ke 51 geeton ki Sargam Book in Hindi सा रे ग म
Kishore ke 51 geeton ki Sargam Book in Hindi सा रे ग म
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Wednesday 30 December 2015
Tuesday 24 November 2015
लता के ५१ गीतों की सरगम lata ke 51 geeton ki sargam
लता के ५१ गीतों की सरगम जिसमें गायिका लता के गाये हुए फ़िल्मी ग़ैर
फ़िल्मी गीतों की सरगम दी गयी है जिसकी मदद से संगीत की प्रारंभिक जानकारी
रखने वाला भी आसानी से किसी भी वाद्य यन्त्र पर गीत बजा सकते हैं. गीत का उदहारण नीचे दिया गया है.
तीर-ए-नज़र देखेंगे, ज़ख्म-ए-जिगर देखेंगे
तीर-ए-नज़र देखेंगे
हो आप तो आँख मिलाते हुए शरमाते हैं
आप तो दिल के धड़कने से भी डर जाते हैं
फिर भी यह ज़िद है के हम ज़ख्म-ए-जिगर देखेंगे
तीर-ए-नज़र देखेंगे, ज़ख्म-ए-जिगर देखेंगे
तीर-ए-नज़र देखेंगे, ज़ख्म-ए-जिगर देखेंगे
हो प्यार करना दिल-ए-बेताब बुरा होता है
सुनते आए हैं के यह काब बुरा होता है
आज इस काब की ताबिर मगर देखेंगे
तीर-ए-नज़र देखेंगे, ज़ख्म-ए-जिगर देखेंगे
तीर-ए-नज़र देखेंगे, ज़ख्म-ए-जिगर देखेंगे
जानलेवा है मोहब्बत का समां आज की रात
शम्मा हो जाएगी जल-जल के धुआँ आज की रात
आज की रात बचेंगे तो सहर देखेंगे
आज की रात, आज की रात बचेंगे तो सहर देखेंगे
तीर-ए-नज़र देखेंगे, ज़ख्म-ए-जिगर देखेंगे
अनुक्रमणिका
क्रम
|
विवरण
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फिल्म
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पेज सं०
|
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A-आज हम अपनी दुआओं का
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पाकीज़ा
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4
|
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A-आपकी नज़रों ने समझा
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अनपढ़
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10
|
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A-आवाज़ देके हमें तुम बुलाओ
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प्रोफेसर
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13
|
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A-अब तो है तुमसे हर खुशी अपनी
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अभिमान
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16
|
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A-ऐ मेरे वतन के लोगों
|
-
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19
|
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A-अजीब दास्ताँ है ये
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दिल अपना और प्रीत पराई
|
24
|
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A-अल्ला तेरो नाम
|
हम दोनों
|
28
|
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B-बाँहों में चले आओ
|
अनामिका
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31
|
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B-बड़ा नटखट है रे
|
अमर प्रेम
|
35
|
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B-बैरन नींद न आये
|
चाचा जिंदाबाद
|
39
|
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B-बेदर्दी बालमा
|
आरज़ू
|
42
|
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B-बिछड़े हुए परदेसी
|
बरसात
|
45
|
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C-चलते चलते
|
पाकीज़ा
|
48
|
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D-दईया रे दईया यशोदा मईया
|
आसरा
|
54
|
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D-देर न हो जाए
|
हिना
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57
|
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D-दिल अपना और प्रीत पराई
|
दिल अपना और प्रीत पराई
|
69
|
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D-दिल हूम हूम करे
|
रुदाली
|
73
|
|
D-दिल का खिलौना हाय टूट गया
|
गूँज उठी शहनाई
|
78
|
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D-दिल में किसी के प्यार का
|
एक महल हो सपनों का
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81
|
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D-दो दिल टूटे
|
हीर राँझा
|
84
|
|
D-दूरी न रहे कोई
|
कर्त्तव्य
|
89
|
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D-दुआ कर ग़मे दिल
|
अनारकली
|
93
|
|
G-घर आया मेरा परदेसी
|
आवारा
|
98
|
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H-हाय रे वो दिन क्यों न आये
|
अनुराधा
|
100
|
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J-जा तोसे नहीं बोलूँ कन्हैया
|
परिवार
|
103
|
|
J-जो हमने दास्ताँ अपनी सुना दी
|
वो कौन थी
|
108
|
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J-ज्योति कलश छलके
|
भाभी की चूड़ियाँ
|
111
|
|
K-करवटें बदलते रहे
|
आपकी कसम
|
115
|
|
J-किसी राह पे किसी मोड़ पे
|
मेरे हमसफ़र
|
119
|
|
L-लग जा गले
|
वो कौन थी
|
122
|
|
M-मैं तुलसी तेरे आँगन की
|
मैं तुलसी तेरे आँगन की
|
125
|
|
M-मैं तो तुम संग नैन मिला के
|
मनमौजी
|
128
|
|
M-मेरे दिल ने जो माँगा
|
रखवाला
|
131
|
|
M-मिलो न तुम तो हम घबराएं
|
हीर राँझा
|
135
|
|
M-मोहब्बत ऐसी धड़कन है
|
अनार कली
|
138
|
|
N-नाम गुम जाएगा
|
किनारा
|
141
|
|
P-पायो जी मैंने रामरतन धन
|
-
|
144
|
|
P-प्रार्थना सुनिए श्री भगवान
|
-
|
148
|
|
R-रहें न रहें हम
|
ममता
|
152
|
|
R-रंगीला रे
|
प्रेम पुजारी
|
155
|
|
R-रुला के गया सपना मेरा
|
ज्वेल थीफ़
|
158
|
|
S-सावन के झूले पड़े
|
जुर्माना
|
162
|
|
S-सत्यं शिवं सुन्दरं
|
सत्यं शिवं सुन्दरं
|
165
|
|
S-शीशा हो या दिल हो
|
आशा
|
169
|
|
S-सुनो सजना पपीहे ने
|
आये दिन बहार के
|
175
|
|
T-तेरा मेरा प्यार अमर
|
असली नकली
|
178
|
|
T-तेरे बिना ज़िन्दगी से शिकवा
|
आंधी
|
180
|
|
T-ठुमक चलत रामचंद्र
|
-
|
184
|
|
T-तू कितनी अच्छी है
|
राजा और रंक
|
187
|
|
T-तुम्हें देखती हूँ
|
तुम्हारे लिए
|
193
|
|
T-तुम्हीं मेरे मंदिर
|
खानदान
|
199
|
आज हम अपनी दुआओं का असर देखेंगे
फिल्म : पाकीज़ा (1972),
गीत : कैफ़ भोपाली,
संगीत : गुलाम मोहम्मद, गायिका
: लता मंगेशकर,
आज हम अपनी दुआओं का
असर देखेंगेतीर-ए-नज़र देखेंगे, ज़ख्म-ए-जिगर देखेंगे
तीर-ए-नज़र देखेंगे
हो आप तो आँख मिलाते हुए शरमाते हैं
आप तो दिल के धड़कने से भी डर जाते हैं
फिर भी यह ज़िद है के हम ज़ख्म-ए-जिगर देखेंगे
तीर-ए-नज़र देखेंगे, ज़ख्म-ए-जिगर देखेंगे
तीर-ए-नज़र देखेंगे, ज़ख्म-ए-जिगर देखेंगे
हो प्यार करना दिल-ए-बेताब बुरा होता है
सुनते आए हैं के यह काब बुरा होता है
आज इस काब की ताबिर मगर देखेंगे
तीर-ए-नज़र देखेंगे, ज़ख्म-ए-जिगर देखेंगे
तीर-ए-नज़र देखेंगे, ज़ख्म-ए-जिगर देखेंगे
जानलेवा है मोहब्बत का समां आज की रात
शम्मा हो जाएगी जल-जल के धुआँ आज की रात
आज की रात बचेंगे तो सहर देखेंगे
आज की रात, आज की रात बचेंगे तो सहर देखेंगे
तीर-ए-नज़र देखेंगे, ज़ख्म-ए-जिगर देखेंगे
आज हम अपनी दुआओं का असर देखेंगे
धा
|
गे
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न
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ति
|
न
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क
|
धि
|
न
|
धा
|
गे
|
न
|
ति
|
न
|
क
|
धि
|
न
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1
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2
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3
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4
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5
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6
|
7
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8
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1
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2
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3
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4
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5
|
6
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7
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8
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ग
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-
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ग
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ग
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म
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ज
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ओं
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प
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-
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-
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-
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-
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न
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-
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-
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म
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म
|
ग
|
रे
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सा
|
-
|
सा
|
म
|
म
|
म
|
म
|
ग
|
दे
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-
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-
|
-
|
खें
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-
|
गे
|
-
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-
|
-
|
ज़
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ख़
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मे
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जि
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ग़
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र
|
ग
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-
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|
-
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ग
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|
ग
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-
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-
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खें
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-
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गे
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-
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-
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||||||
ध
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-
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ध
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ध
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नी
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|||||||||||
आ
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-
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प
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तो
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-
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|||||||||||
नी
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सां
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-
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सां
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सां
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सां
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-
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सां
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रें
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सां
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रें
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सां
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नी
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नी
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ध
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आं
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ख
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श
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र
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ध
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नी
|
नी
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सां
|
सां
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नी
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गं
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गं
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